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फिलिस्तीन को लेकर लगाए नारे की वजह से छिन सकती है असदुद्दीन ओवैसी की संसद सदस्यता, क्या कहता है नियम?

फिलिस्तीन को लेकर लगाए नारे की वजह से छिन सकती है असदुद्दीन ओवैसी की संसद सदस्यता, क्या कहता है नियम?

 बुरहानपुर(न्यूज ढाबा)–ओवैसी ने लोकसभा सांसद के रूप में शपथ लेने के दौरान फिलिस्तीन के समर्थन में नारा लगाकर विवाद खड़ा कर दिया. प्रोटेम स्पीकर ने उनके इस बयान को लोकसभा की कार्यावाही से हटा दिया.

क्या फिलिस्तीन को लेकर लगाए नारे की वजह से छिन सकती है असदुद्दीन ओवैसी की संसद सदस्यता, क्या कहता है नियम?

असदुद्दी 18वीं लोकसभा की कार्यवाही के दूसरे दिन जब नवनिर्वाचित सदस्य AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सांसदी की शपथ ले रहे थे तो उस दौरान उनके एक नारे से विवाद खड़ा हो गया. उन्होंने शपथ लेने के बाद ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाया दिया. इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ दल बीजेपी ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया.

बीजेपी ने ओवैसी के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मौजूदा नियमों के अनुसार उन्हें संसद से अयोग्य ठहराए जाने का आधार है. बीजेपी ने अनुच्छेद 102 का हवाला देते हुए कहा कि AIMIM प्रमुख को उनकी लोकसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराया जा सकता है.

अमित मालवीय ने ओवैसी को घेरा!

बीजेपी के आईटी प्रमुख अमित मालवीय ने संविधान के अनुच्छेद 102 का हवाला देते हुए एक्स पर लिखा, “मौजूदा नियमों के अनुसार असदुद्दीन ओवैसी को एक विदेशी राज्य यानी फिलिस्तीन के प्रति निष्ठा प्रदर्शित करने के लिए उनकी लोकसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराया जा सकता है. उन्होंने लोकसभा सचिवालय को भी टैग किया और इस मुद्दे पर ध्यान देने को कहा.”

क्या कहता है संविधान का अनुच्छेद 102?

दरअसल, संविधान के अनुच्छेद 102 के तहत संसद के किसी भी सदन के सदस्य को अयोग्य ठहराए जाने के आधारों का उल्लेख है. आर्टिकल 102 के अनुसार अगर कोई भारत का नागरिक नहीं है या उसने स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता प्राप्त की है या किसी विदेशी राज्य के प्रति निष्ठा या पालन की स्वीकृति के अधीन है. तो उसकी संसद सदस्‍यता जा सकती है.

प्रोटेम स्पीकर ने कार्यवाही से हटाया नारा

दरअसल, ओवैसी ने लोकसभा सांसद के रूप में शपथ लेने के दौरान फिलिस्तीन के समर्थन में नारा लगाकर विवाद खड़ा कर दिया. सदन में बीजेपी सांसदों के कड़े विरोध के बाद प्रोटेम स्पीकर ने उनके इस बयान को लोकसभा की कार्यावाही से हटा दिया है. जिस समय ओवैसी ने सांसदी की शपथ ली थी, उस समय अध्यक्ष पद पर बैठे राधा मोहन सिंह ने सदस्यों को आश्वासन दिया कि शपथ समारोह के अलावा कोई भी अतिरिक्त बात रिकॉर्ड में नहीं जाएगी.

ओवैसी ने नारे को लेकर किया बचाव!

इससे पहले जब ओवैसी शपथ लेने के लिए पहुंचे तो उनका स्वागत ‘जय श्री राम’ के नारों से हुआ. बाद में हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने संसद के बाहर अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने संविधान के किसी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है. अन्य सदस्य भी अलग-अलग बातें कह रहे हैं. मैंने ‘जय भीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन’ कहा. यह कैसे गलत है? मुझे संविधान का प्रावधान बताएं.

ओवैसी के नारे पर क्या बोले किरेन रिजिजू?

वहीं, बीजेपी ने ओवैसी की टिप्पणी को खारिज कर दिया और कार्रवाई की मांग की. किरेन रिजिजू ने कहा कि वे टिप्पणियों के संबंध में नियमों की जांच करेंगे. फिलिस्तीन या किसी अन्य देश के साथ हमारी कोई दुश्मनी नहीं है. एकमात्र मुद्दा यह है कि शपथ लेते समय क्या किसी सदस्य के लिए दूसरे देश की प्रशंसा करते हुए नारा लगाना उचित है? हमें नियमों की जांच करनी होगी. कुछ सदस्य मेरे पास आए हैं और शपथ के अंत में फिलिस्तीन का नारा लगाने की शिकायत की।

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