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Thursday, November 21, 2024

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देवास में आयोजित अखिल भारतीय महापौर परिषद की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय।महापौर पुष्यमित्र भार्गव के सर्वसम्मति से मध्यप्रदेश महापौर परिषद के अध्यक्ष।

देवास में आयोजित अखिल भारतीय महापौर परिषद की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय।महापौर पुष्यमित्र भार्गव के सर्वसम्मति से मध्यप्रदेश महापौर परिषद के अध्यक्ष।

बुरहानपुर(न्यूज़ ढाबा)– इंदौर के महापौर पुष्यमित्र जी भार्गव को म.प्र. महापौर परिषद का अध्यक्ष सर्वसम्मति से घोषित किये जाने पर अखिल भारतीय महापौर परिषद की अध्यक्ष श्रीमती माधुरी अतुल पटेल द्वारा हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई देते हुए कहा गया कि,

उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने पर प्रदेश के नगर निगमों की समस्याओ के निराकरण और विकास को गति मिलेगी| श्रीमती पटेल ने कहा कि भार्गव जी महापौर चुने जाने के पूर्व भी अनेक महत्वपूर्ण पदों के दायित्वों का निर्वाह कुशलतापूर्वक कर चुके है | इंदौर नगर निगम के महापौर चुने जाने के बाद उन्होंने अपने पूर्ववर्ती महापौरो की गौरवशाली परंपरा के अनुरूप इंदौर को देश में सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा कायम रखने के साथ अनेक नवाचारो को प्रारंभ कर अपने ज्ञान अनुभव और अद्भुत नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है| इसके अनुरूप ही वे म.प्र. के नगर निगमों और महापौरो के हित में कार्य करने में अपूर्व यश और कीर्ति आर्जित करेंगे | म.प्र. शासन के पूर्व गृह मंत्री एवं अखिल भारतीय महापौर परिषद के महा सचिव उमा शंकर गुप्ता जी द्वारा कार्यसमिति की बैठक एवं कार्यशाला को संबोधित करते हुए अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा गया कि सभी महापौर एवं नगर निगम एक संयुक्त परिवार की तरह है, हमें अपने-अपने निकायों-कार्यक्षेत्रों में लगन निष्ठा एवं ईमानदारी से कार्य करते हुए सबके लिए विकास की अवधारणा को लेकर चहुमुखी सर्वांगीण, समयोचित एवं सार्थक विकास के लिए सतत कार्य करते रहना है | उन्होंने कहा महापौर का पद गरिमा सम्मान के साथ महती जवाबदारी का पद है | यह महापौरो का संगठन ही नही अपितु पूरे देश के नगर निगमों का भी सुदृड संगठित एवं एक पारिवारिक भावना से कार्य करने वाली राष्ट्रीय संस्था है| उन्होंने अपने उद्बोधन में विशेष रूप से रेखांकित किया कि 74 वे सविधान संशोधन के बाद एक संवैधानिक दर्जा नगरीय निकायों को मिला है जो उन्हें कर्तव्य सौपे गए है और जो अधिकार दिए गए है वह पूरे देश में एक समान हो | कई प्रदेशो में महापौरो का कार्यकाल एक वर्ष का ही है उन्हें समुचित अधिकार भी नही दिए गए है, वन नेशन वन इलेक्शन की भावना के अनुसार महापौरो के कार्यकाल, कर्तव्यो एवं अधिकारों में भी पूरे देश में एकरूपता हो| गुप्ता जी ने महापौरो को उनके निकायों के आयुक्तों की सी. आर. लिखने के अधिकार दिए जाने की बात भी कही| उन्होंने कहा महापौरो को अपने दायित्वों के पालन में विशाल जन समुदाय के बीच जाना पड़ता है | भिन्न स्वभाव संस्कार वाले व्यक्तियों से तथा अधिकारियो कर्मचारियों से मिलना पड़ता है ऐसे में स्वयं की सुरक्षा को लेकर उन्हें एवं परिवार के सदस्यों को चिंता रहती है ऐसी स्थिति में महापौरो की सुरक्षा को लेकर प्रांतीय सरकारों को नीति निर्धारित करने पर विचार करना चाहिए| उन्होंने महापौरो से आग्रह किया कि हमारे सम्बन्ध स्थानीय सरकारों से बेहतर एवं मर्यादित हो, सतत सम्पर्क और सकारात्मक प्रयासों से आपके हर कार्य होगे| गुप्ता जी ने कहा कि आवश्यक होने पर इन बातो को लेकर भारत सरकार एवं सम्बंधित राज्य सरकारों से पत्राचार एवं भेट आदि का कार्यक्रम सबसे विमर्श कर बनाया जायेगा|

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