बुरहानपुर के लिए आज का दिन ऐतिहासिक यूनेस्को द्वारा खूनी भंडारा विश्व धरोहर घोषित।
बुरहानपुर (न्यूज ढाबा)–ऐतिहासिक नगर बुरहानपुर के लिए आज 14 मार्च का दिन भी ऐतिहासिक बनकर अपनी स्वर्णिम उपलब्धि के लिए सदैव जाना जाएगा यह विचार हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पूर्व महापौर श्री अतुल पटेल द्वारा यूनेस्को द्वारा पेरिस से प्रसारित एक प्रेस विज्ञप्ति की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि आज 14 मार्च को फ्रांस की राजधानी पेरिस से यूनेस्को कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि भारत में मध्यप्रदेश की छ: धरोहरों ( संपत्तियों) को अस्थाई रुप से विश्व धरोहरो को सूची में जोड़ा गया है, जिसमें हमारा खूनी भंडारा (कुंडी भंडारा) भी है| इसके साथ ही ग्वालियर का किला, धमनार का ऐतिहासिक समूह, भोजेश्वर महादेव मंदिर भोजपुर, चंबल घाटी के रॉक कला स्थल, रामनगर मंडला का गोंड स्मारक भी सम्मिलित है | श्री अतुल पटेल ने बताया कि वर्षों के सतत सामूहिक प्रयासों का यह प्रतिफल है जो अब बुरहानपुर का नाम कुंडी भंडारा के कारण विश्व विरासत के कारण पूरी दुनिया में जाना जाएगा| उन्होंने बताया महापौर बनने के बाद उन्होंने दृड संकल्प लिया था कुंडी भंडारा को विश्व धरोहर घोषित करने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे| इस अनुक्रम में वे सन 2008 में फ़्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित हेरिटेज सम्मेलन में सम्मिलित हुए थे । इस विश्व स्तरीय मंच पर उन्होंने विश्व की अद्वितीय, अनूठी जल प्रदाय प्रणाली खूनी भंडारा को विश्व विरासत में सम्मिलित करने हेतु अपना प्रबल पक्ष प्रस्तुत किया था जिसको संज्ञान में लेकर सन 2010 में यूनेस्को द्वारा श्रीमती मिंजायांग को अपने प्रतिनिधि के रूप में खूनी भंडारा के निरीक्षण हेतु बुरहानपुर भेजा गया था। उनके द्वारा इस विरासत को विश्व धरोहर में सम्मिलित करने की अनुशंसा की गई थी। सन 2010 में महापौर निर्वाचित होने के बाद श्रीमती माधुरी पटेल भी पेरिस में आयोजित हेरिटेज सम्मेलन में सम्मिलित हुए| उन्होंने भी खूनी भंडारा को विश्व धरोहर घोषित करने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। श्री अतुल पटेल ने यह भी बताया की यह हम सब बुरहानपुर जिला वासियों के लिए गौरव का विषय है भविष्य में बुरहानपुर, इंदौर, मांडू और ओरंगाबाद अजंता एलोरा पर्यटन सर्किट से जुड़ेगा और यहाँ देशी विदेशी पर्यटको के आगमन से पर्यटन उद्योग के विकसित होने का मार्ग प्रशस्त होगा| श्री पटेल ने इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव जी, पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व. बृजमोहन मिश्रा, पूर्व सांसद श्री नन्द कुमार सिंह चौहान, वर्तमान सांसद श्री ज्ञानेश्वर पाटिल, विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी), को योगदान उल्लेखनीय रहा है साथ ही पूर्व मंत्री श्री तनवन सिंह कीर, नन्द किशोर देवड़ा, पूर्व महापौर महेंद्र सिंह ठाकुर, पूर्व महापौर पी. जी. वैद्य, पूर्व महापौर डॉ. फिरोजा अली, पूर्व महापौर मो. हारून सेठ, पूर्व महापौर अनिल भोसले, श्री नफीस मंशा खान का भी सहयोग रहा साथ ही वर्तमान में मध्यप्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्री शिव शेखर शुक्ला इस दिशा में विशिष्ट रूप से प्रयत्नशील रहे है| तत्कालीन कलेक्टर एस के वशिष्ठ, पी एन गुर्ग, तत्कालीन अपर कलेक्टर वी जी धर्माधिकारी, तत्कालीन निगम आयुक्त डॉ. अशोक जनवदे, आयुक्त संदीप श्रीवास्तव, पूर्व कार्यपालन यंत्री डी के पटेल, पूर्व फायर ऑफिसर डी सी तिवारी, सहयक यंत्री अनिल गंगराडे, पूर्व उपयंत्री रविन्द्र खोडके, जल कार्य निरीक्षक ज्ञानेश्वर वानखेड़े, फोटो ग्राफर हेमंत एवं धर्मेंद्र आर्य ने भी शासन निर्देशों का निष्ठा से पालन करते हुए खूनी भंडारा के संरक्षण संवर्धन में सहयोग किया है |
यह उल्लेखनीय है कि पूर्व मंत्री एवं विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) द्वारा तत्कालीन मंत्री श्रीमती यशोधरा एवं म.प्र. पर्यटन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष नितीष भारद्वाज को लेकर बुरहानपुर आये थे| वे भी खूनी भंडारा को विश्व धरोहर की सूचि में सम्मिलित करने के लिए सतत प्रयासशील रहे है | इसी प्रकार अखिल भारतीय महापौर परिषद अध्यक्ष एवं महापौर श्रीमती माधुरी अतुल पटेल द्वारा भी खूनी भंडारा को विश्व धरोहर घोषित कराने के लिए सतत संपर्क और पत्राचार किया जाता रहा है |
पूर्व महापौर श्री अतुल पटेल द्वारा सफलता के लिए आभार प्रकट करते हुए भारत सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह जी, यूनेस्को के अध्यक्ष आंद्रे एन्जोले एवं बुरहानपुर जिला वासियों को बधाई दी गई है |