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Sunday, April 20, 2025

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ओल्ड पेंशन बहाली सहित लंबित मांगो को लेकर कर्मचारी संघ ने सांसद पाटील को सौपा ज्ञापन।

 *ओल्ड पेंशन बहाली सहित लंबित मांगो को लेकर कर्मचारी संघ ने सांसद पाटील को सौपा ज्ञापन*

बुरहानपुर(न्यूज ढाबा)–भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय परिसंघ व राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ के आव्हान पर पूरे देश में चल रहे आंदोलन के तहत आज बुरहानपुर में मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ ने खंडवा लोकसभा सांसद ज्ञानेश्वर पाटील को ज्ञापन सौपा। सांसद से पुरानी पेंशन नीति लागू करने को लेकर उन लोगों की मांग सरकार तक पहुंचाने को लेकर आग्रह किया गया।*

नई पेंशन योजना की विशेषताएं*

एनपीएस (NPS) में कर्मचारी की बेसिक सैलरी+डीए का 10 फीसद हिस्सा कटता है।

• एनपीएस शेयर बाजार पर बेस्ड है। इसलिए यह अधिक सुरक्षित नहीं है।
• एनपीएस में रिटायरमेंट के बाद पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40% निवेश करना होता है।
• इस स्कीम में रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती है।
• नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है। इसलिए यहां टैक्स का भी प्रावधान है।
• नई पेंशन योजना में 6 महीने बाद मिलने वाले महंगाई भत्ते (DA) का प्रावधान नहीं है।

*पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) में थीं ये विशेषताएं*

• ओपीएस में पेंशन के लिए कर्मचारी की सैलरी से कोई पैसा नहीं कटता है।
• ओपीएस में 6 महीने बाद मिलने वाले DA का प्रावधान है।
नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित
दोनों में सबसे बड़ा अंतर यह है कि पुरानी पेंशन योजना एक सुरक्षित योजना है, जिसका भुगतान सरकारी खजाने से किया जाता है। नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है, जिसमें आपके द्वारा एनपीएस में लगाए गए पैसे को शेयर बाजार में लगाया जाता है, जबकि पुरानी पेंशन योजना में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। अगर बाजार में मंदी रही तो एनपीस पर मिलने वाला रिटर्न कम भी हो सकता है।
कब लागू हुई थी नई पेंशन स्कीम?
सरकारी कर्मचारियों को साल 2004 से पहले पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद एक तय पेंशन मिलती थी। यह पेंशन रिटायरमेंट के समय कर्मचारी की सैलरी पर आधारित होती थी। इस योजना में रिटायर्ड कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिजनों को भी पेंशन मिलने का नियम था। लेकिन अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त होने वाले कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को बंद कर दिया। इसके स्थान पर नई पेंशन योजना लागू हुई। बाद में राज्यों ने भी नई पेंशन योजना को लागू कर दिया।
ज्ञापन का वाचन मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के जिला अध्‍यक्ष सुरेश पवार ने किया। उन्होंने बताया कि पुरानी पेंशन नीति को करें लागू, कर्मचारियों को हो रहा नुकसान देश भर में कर्मचारियों के हितों को लेकर भारतीय मजदूर संघ लंबे समय से कार्य कर रहा है और सब की मांगों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया जा रहा है।
सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए आश्वासन दिया। उन्होंने कहा आपकी जायज मांग को प्रधानमंत्री तक पहुंचाया जाएगा। शीघ्र ही निराकरण कराया जाएगा। ज्ञापन देते समय राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप इंगले, प्रदेश मंत्री संजय चौधरी, संभागीय सचिव अनिल जैसवाल, जिला अध्यक्ष सुरेश पवार, जय प्रकाश चौधरी, आसिफ पिंजारी, हरिश जोशी, सतीश महाजन, पंढरीनाथ सोनवणे, भानुदास भंगाले, कैलास जयवंत, ब्लॉक अध्यक्ष सुनील कोटवे, उमेश रूपेरी, फहिम सर, मुश्ताक खान सहित महिला प्रतिनिधि मंगला वाघ आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।

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