ताप्ती मिल को पुनः संचालित करने तथा नेपा लिमिटेड के लिए डेढ़ सौ करोड़ वित्तीय सहायता हेतु सांसद पाटिल ने किया अनुरोध !
बुरहानपुर(न्यूज़ ढाबा)–आज नई दिल्ली में यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी से सांसद श्री ज्ञानेश्वर पाटील ने सौजन्य भेंट कर खंडवा संसदीय क्षेत्र के विकास और जनहित से जुड़े विषयों पर मार्गदर्शन प्राप्त किया । इस दौरान पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती जयश्री ज्ञानेश्वर पाटिल भी मौजूद रही। सांसद ने ताप्ती मिल को पुनः संचालित करने तथा नेपा मिल के लिये 150 करोड रुपए की वित्तीय सहायता मिलने हेतु अनुरोध किया। प्रधानमंत्री जी ने विश्वास दिलाया कि उपरोक्त मांग पत्रों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर निर्णय लिया जाएगा।
*ताप्ती मिल को पुनः संचालित करने हेतु सौपा पत्र*
इस दौरान प्रधानमंत्री जी को पत्र सौंप सांसद श्री पाटील ने निवेदन किया कि मेरे संसदीय क्षेत्र खंडवा के अंतर्गत विधानसभा बुरहानपुर में नेशनल टेक्सटाइल कारपोरेशन की यूनिट बुरहानपुर ताप्ती मिल, बुरहानपुर के उपनगर लालबाग में संचालित है। इस मिल को केंद्र सरकार द्वारा 100 करोड रुपये दे कर आधुनिकरण किया गया था। जिस कारण इस मिल में प्रत्यक्ष रूप से 800 श्रमिक रोजाना कार्यरत थे। इस मिल पर अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 1200 परिवार आधारित है। ताप्ती मिल के वर्क कल्चर अच्छा होने के कारण यह मिल कभी भी घाटे में नहीं गयी एनटीसी की चलने वाली 25 मीलों में ताप्ति मिल एक नंबर पर थी, 2020 में कोरोना महामारी की वजह से इस मिल का संचालन बंद कर दिया गया। इस मिल के बंद होने के कारण 1200 परिवार प्रभावित हो रहे हैं। अतः आपसे विनम्र आग्रह है कि क्षेत्रीय जनमानस की समस्याओं को द्रष्टिगत रखते हुए ताप्ती मिल को पुनः संचालित करने का कष्ट करे। जिससे की मेरे क्षेत्र के लगभग 1200 परिवारों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा ।
*नेपा लिमिटेड के लिये 150 करोड़ रुपये की वितीय सहायता की मांग*
सांसद श्री पाटिल ने प्रधानमंत्री मोदी जी से नेपा मिल से जुड़े विषय पर पत्र सौंप आग्रह किया कि नेपा लिमिटेड नेपानगर आदिवासी विकासखण्ड खकनार, जिला बुरहानपुर के नेपानगर तहसील में स्थित होकर इस अति पिछडे खण्डवा संसदीय क्षेत्र की नेपानगर विधानसभा के लगभग 100 गांवो की 50 हजार जनसंख्या प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से इस कारखाने पर निर्भर है व अर्थव्यवस्था की धुरी होकर रोजगार का एकमात्र साधन है। वर्ष 2012 में इस संस्थान में लगभग 2000 श्रमिक कार्यरत थे जो आज मात्र नियमित 141 ही शेष बच गये है।
इस कारखाने को भारत सरकार द्वार वर्ष 2012 एवं 2018 में नवीनीकरण हेतु 625 करोड रुपयों की आर्थिक सहायता दी गयी थी। नवीनीकरण के कार्यों को सफलतापुर्वक सम्पन्न कर 2022 से यह मिल व्यवसायिक उत्पादन व विक्रय प्रारम्भ कर चुका है। नवीनीकरण के पश्चात कार्यशील पूंजी के अभाव में कारखाना अपनी पूर्ण दक्षता के साथ उत्पादन करने में असमर्थ है। अतः आप से निवेदन है कि उत्पादन प्रक्रिया जारी रखने के लिये 150 करोड रुपये की कार्यशील पूंजी की वित्तीय सहायता प्रदान करने की कृपा करे।