बुरहानपुर के निकट प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर अनुपम जलाशय काला डोह।
बुरहानपुर (न्यूज ढाबा)–बुरहानपुर जिला पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है जातक इसके ऐतिहासिक महत्व की बात करें वह बहुत ही अनुपम है। बुरहानपुर के आसपास का ग्रामीण अंचल प्राकृतिक सौंदर्य से बहुत दर्शनीय एवं सुकून देने वाला है आज भी बुरहानपुर के जंगलों में प्राकृतिक झरने ऐतिहासिक डैम एवं विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियां से अटा पड़ा है इस जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं इसी श्रृंखला में आज हम बात कर रहे हैं बुरहानपुर के निकट स्थित काला डोह की काला डोह बुरहानपुर में प्राकृतिक अनुपम जलाशय है ।
- मुझे लगता है इसे मुगल काल मे गोल आकृति में काटा गया है ताकि जल का आनंद ले सके व जल विहार कर सके वही इस नदी के काले मजबूत पानी मे डूबे पत्थर को निकाल कर यह प्राचीन डेम बनाया गया मेरा यह कहना है की कुंडी भण्डारा के पूर्व सरल कम लागत के आसानी से चढ़ाव से उतार की और जितना जल्दी पानी मिल सके यह प्रयास किया गया ताकि शहर पानी आ सके इसके पद चिन्ह लोधीपुरा भण्डारा पानी चीनी मिट्टी कि पाइप लाइन से यही से पानी लाया गया है। जबकि उतावली नदी पर तरह तरह की आकृति में इन कुंडियो को देख जा सकता है , वही इस प्राचीन डेम से 500 – 600 फिट के अंतर से 3 प्रकार के पाइंट है। जिसमे पहले दीवार के माध्यम से बड़ी दीवार का डेम आता है, डेम से 500 फिट ऊपर काला डोह आता उसके वाद 500 फिट पर एक डोह ओर आता जो पानी रोकने के संकेत नजर आते पर लगता है की काला डोह की सुंदरता में पानी बढ़ाने के लिए इसे फोड़ दिया गया है जो गहरी नाली के रूप में है ,आसपास के लोग कहते है कि पानी के अंदर एक प्राचीन कुआ कहते है, जो उतावली नदी के अंदर पानी मे डूबा हुआ कुँआ कहते है, जो आज भी पानी मे गहरा पायरी नुमा दिखाई देता है ,
जबकि ऐसा लगता है कि इस कुँए के काले पत्थर ही मजबूत है जो प्राचीन डेम के पत्थर से मिलते जुलते है जो काला डोह के पास है, इसे पर्यटन के रुप में विकसित किया जा सकता हैं यहां आसानी से चार पहिया वाहन से भी पहुच सकते जो पर्यटन के लिए विकसित किया जा सकता हैं।
पुराने समय की बात है लोग तरह तरह तरह की काला डोह की बात करते वे कहते कि पहले यहा से गाय निकलती थी वही खाना बनाने के बर्तन भी निकालते थे कहते है कि इस काला डोह की गहराई इतनी अधिक है कि खटिया की एक रस्सी से भी पानी का थाह मतलब गहराई का पता नही लगाया जा सकता था पर यह तो है कि यह डोह गहरा है तथा गोल आकृति में बना जिसे गूगल पर भी गोल पानी का चन्दमा जो धरती पर पूर्णिमा का चाँद ही नजर आता है हमारा शहर वास्तव में छोटे बडे प्राकृतिक सौंदर्य से भर पुर है इस लोधीपुरा भण्डारे की कड़ी में काला चबूतरा प्राचीन डेम , काला डोह, जल के अंदर जल कुआ, झरने व इसी रोड पर ग्राम ठाठर में इन पाइंट को देखने के वाद सीता गुफा हम देखने जा सकते है।
Datcc सदस्य शालिग्राम चौधरी समय-समय पर बुरहानपुर के आसपास स्थित ऐतिहासिक धरोहरों की जानकारी मीडिया तक पहुंचाते रहते हैं।