कार्यकर्ताओं के अपमान पर जिला अध्यक्ष मनोज माने स्टेशन मास्टर पर भड़के!
कार्यकर्ता एवं जनता को पसंद आ रहा है एंग्री यंग मैन रवैया ।
पूर्व विधायक रामदासशिवहरे इस रवैया के लिए जाने जाते थे।
देवतुल्य कार्यकर्ताओं का अपमान किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।
बुरहानपुर (न्यूज ढाबा)–भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त जिला अध्यक्ष एंग्रीयंगमैन श्री मनोज माने का यह तरीका कार्यकर्ता और जनता को बेहद पसंद आ रहा है।
पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी की बैठक में जिस तरह उन्होंने पार्टी के खिलाफ कार्य करने वाले भाजपा के कार्यकर्ताओं को बैठक से बाहर किया था। कुछ इस तरह है आज जब सांसद श्री ज्ञानेश्वर पाटिल सुबह 8:30 बजे जयपुर हैदराबाद ट्रेन स्टॉपेज के कार्यक्रम में रेलवे स्टेशन पहुंचे, (आपको बता दे इस ट्रेन का स्टॉपेज सांसद पाटिल की पहल की वजह से स्वीकृत हो पाया है विगत दिनों केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलकर सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल जी ने इस ट्रेन के स्टॉपेज के लिए आग्रह किया था) पहुंचने के पश्चात जब वी.आय.पी.की कक्ष में जाने लगे तब उनके पीछे भारतीय जनता पार्टी के कुछ कार्यकरता भी कक्ष में प्रवेश करने लगे, इस समय रेलवे के कर्मचारी पुस्पेंद्र कापडे ने कार्यकर्ताओं को बुरी तरीके से बाहर निकालने की कोशिश की एवं गैर जिम्मेदाना व्यवहार कार्यकर्ताओं के साथ किया ,यह सब क्रियाकलाप जब जिला अध्यक्ष मनोज माने के संज्ञान में आया तब उन्होंने स्टेशन मास्टर एवम अन्य अधिकारी को जोरदार लताड़ लगाई ,उन्होंने कहा मैं मेरे कार्यकर्ताओं का अपमान किसी भी कीमत पर सहन नहीं करूंगा। इस बार में बर्दाश्त कर रहा हूं अगली बार से बर्दाश्त नहीं करूंगा मेरे कार्यकर्ताओं का अपमान किसी कीमत पर सहन नहीं करूंगा कार्यकर्ता पार्टी की पूंजी है कार्यकर्ता से ही पार्टी चलती है कार्यकर्ता देवतुल्य होता है और हम हमारे देव का अपमान सहन नहीं करेंगे। जिस समय जिला अध्यक्ष अधिकारियों पर बरस रहे थे उसे वक्त कक्ष में सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल महापौर श्रीमती माधुरी पटेल एवं अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।
बहुत समय पश्चात भारतीय जनता पार्टी को एक ऐसा जिला अध्यक्ष मिला है जो कार्यकर्ता के पक्ष की बात करता है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिले में बेलगाम हो रहे अधिकारियों पर नकेल कसने के लिए ऐसे ही नेता की आवश्यकता थी। आपको बता दे कि इसके पूर्व में इस छवि के नेता शाहपुर विधायक रामदास शिवहरे थे ,जो इसी लहजे में अधिकारियों से रूबरू होते थे, बहरहाल अब आगे देखना होगा इसका प्रभाव अन्य अधिकारियों पर किस प्रकार से पड़ता है।