बुरहानपुर (न्यूज ढाबा)–विगत दिनों नगर निगम कमिश्नर संदीप श्रीवास्तव के आदेश पर जेसीबी से ऐतिहासिक पर कोट को ध्वस्त किया गया।
अमरावती रोड पर पुलिया निर्माण एवं रोड डिवाइडर निर्माण का कार्य विगत दो महीने से चल रहा है जिसके चलते राजपुरा गेट के सामने पर कोट को नगर निगम द्वारा ध्वस्त किया गया नगर निगम कमिश्नर के अनुसार यह पर कोटा ध्वस्तु किए जाने के बाद यातायात सम रूप से हो पाएगा।
जबकि विगत कई दशकों से यहां पर यातायात सुगम रूप से संचालित हो रहा है पर कोटा तोड़े जाने की आवश्यकता महसूस नहीं हो रही थी परंतु पता नहीं नियम कानून कोटक पर रखकर इस कार्य को अंजाम दिया गया बुरहानपुर के इतिहासकारों की बात सुनी जाए तो वह कहते हैं हमारा मन बहुत दुखी हुआ क्योंकि एक और यूनेस्को द्वारा बुरहानपुर स्थित खूनी भंडारे को ऐतिहासिक धरोहर में शामिल किया गया वहीं दूसरी ओर भारत सरकार के नुमाइंदों एवं ब्यूरोक्रेट के नाक के नीचे ऐतिहासिक धरोहरों को दोस्त किया जा रहा है महापौर अनिल भोसले के कार्यकाल में इस स्थान को लाखों रुपए खर्च कर सेल्फी प्वाइंट बनाया गया था जो कुछ दिनों पश्चात धूल धूसरित हो गया। बहरहाल आम आदमी इस पर कोट को ध्वस्तु किए जाने से दुखी है।
क्या कहते इतिहासकार शालिग्राम चौधरी:–
कोट गिराए जाने से दिल हुआ आहत
प्राचीन दीवार बुरहानपुर की पहचान 5 फिट चौड़ी 22 फि टीवीट ऊँची पक्की टीवीj पक्की इट चुना चुंखडी से बनी जिसे गिराए जाने से पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के जिला सदस्य को आपत्ति परकोट लगे सड़क मार्ग पर निर्माण कार्य जारी जिसमे डिवाईडर बनाने के कारण सकड़ी रास्ता होने से परकोट को गिराया जाना उचित नही है
परकोट एक शहर की पहचान है किसी देश की दीवार और किसी शहर की दीवार केवल समझना हो तो विश्व मे चीन देश है तो वही बुरहानपुर शहर है आज हम लोगो के अतिक्रमण या भूमि आधीग्रहण न कर के सीधे धरोहर को नुकसान पहुँचा रहे है या तो उतनी जगह डिवाईडर निर्माण नही करना था आज शहर का परकोट यही समझे की लीगो अपने मतलब के लिए जानबूझ कर तोड़ रहे ताकि दुकाने निकल सके वही लोग घर परकोट पर घर बना रहे है और बाथरूम का पानी परकोट पर छोड़ रहे जिससे परकोट जगह जगह गिरने लगा है वही लोग जनसंख्या के संघन घनत्व में खुद को घुटन हो रही है कि परकोट से खुली हवा नही आती मतलब लोगो को यह लगने लगा है कि यह परकोट गिर जाए