भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय अंतर्गत केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड द्वारा स्थानीय भूजल समस्या एवं प्रबंधन विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई।
बुरहानपुर(न्यूज़ ढाबा)–भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय अंतर्गत केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड द्वारा स्थानीय भूजल समस्या एवं प्रबंधन विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें विधायक, पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी), कलेक्टर श्रीमती भव्या मित्तल, महापौर श्रीमती माधुरी अतुल पटेल, नगर निगमाध्यक्ष श्रीमती अनिता अमर यादव, शाहपुर नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि वीरेन्द्र तिवारी, जनपद पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रदीप पाटिल, माधव बिहारी अग्रवाल एवं अरूण शेंडे सहित जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि बुरहानपुर जिले का भूमिगत जलस्तर अत्यंत तेजगति से गिरता जा रहा है। निरंतर गिरते जलस्तर को संभालना शासन, प्रशासन एवं समाज की जिम्मेदारी है। जिसमें मैंने स्वयं कितना कर्तव्य निर्वहन किया इसका चिंतन-मनन कर क्रियान्वयन की स्थिति आ चुकी है। क्योंकि देश में ही नहीं वरन् अपने संपूर्ण प्रदेश में बुरहानपुर जिले का भूमिगत जल पुर्नभरण स्तर भी अत्यंत दयनीय स्थिति में है। जहां हम भूमिगत जल को सबसे अधिक उलीच रहे है वहीं वर्षा जल को भूमि में डालने की हमारी गति अत्यंत चिंताजनक है। प्रदेश में अधिकतम जल पुर्नभरण होशंगाबाद 2.22 बीसीएम, रायसेन 1.39 बीसीएम, सागर 1.22 बीसीएम, नरसिंहपुर 1.21 बीसीएम, छिंदवाड़ा 1.16 बीसीएम जबकि बुरहानपुर न्यूनतम मात्र 0.27 बीसीएम है।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में जल संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि जल संकट आज विश्व की सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है। उन्होंने यह बात दोहराई कि पानी बनाया नहीं जा सकता, केवल बचाया जा सकता है। उन्होंने यह सुझाव दिया कि छात्रों को पानी बचाने के उपायों पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाए और ”पानी की पाठशाला” जैसी पहल शुरू की जाए, ताकि जल के महत्व और उसके संरक्षण की तकनीकों को लोगों तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी पद्धतियां अपनाई जानी चाहिए, जिनसे घर का पानी घर का पानी घर में, खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में और जंगल का पानी जंगल में ही रोककर संरक्षित करें।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि विगत दो दशक से अधिक समय में हम ताप्ती मेगा रिचार्ज योजना को दो प्रदेशों की प्रदेश सरकार और केन्द्र सरकार के माध्यम से स्वीकृत कराने का प्रयास निरंतर कर रहे है। जिसमें माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की 2014 में केन्द्र सरकार बनने के बाद गति मिल सकी और केन्द्र सरकार सहित मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सरकारों द्वारा ताप्ती कछार में जल सोखने की क्षमता का विभिन्न स्तरों पर अध्ययन कराकर इस योजना को क्रियान्वयन योग्य मानकर विचाराधीन कर लिया है, जो अपने बुरहानपुर और ताप्ती तट के वासियों के लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है। यह योजना हमारे गिरते जल स्तर को थामने मंे सहायक तो सिद्ध होगी किन्तु जल संरक्षण में हम सबको अपने-अपने घर की छत हो या खेत का पानी रोकने के लिए खेतों में पौंड बनाना आदि करना ही होगा। तभी हमारे बच्चों का भविष्य सुरक्षित बन सकेगा।
कार्यशाला को वरिष्ठ जल यांत्रिकी विशेषज्ञ वी.डी.पाटिल ने ताप्ती मेगा रिचार्ज योजना के संदर्भ में विस्तृत जानकारी दी। केन्द्रीय भूमिजल बोर्ड मध्यप्रदेश के क्षेत्रिय निर्देशक अशोक बिसवाल, वरिष्ठ वैज्ञानिक राकेशसिंह, वैज्ञानिक चिंतरंजन विश्वाल, वैज्ञानिक कमलेश ओझा, वैज्ञानिक वैष्णवी परिहार ने संबोधित करते हुए स्थानीय भूजल समस्या एवं प्रबंधन विषय पर उपस्थितजनों को अवगत कराया।