बुरहानपुर (न्यूज ढाबा)–49 वर्ष पहले 1975 में आज के ही दिन कांग्रेस की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने तानाशाही मानसिकता का परिचय देते हुए सत्ता के स्वार्थ के लिए देश पर आपातकाल थोपकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी थी।
एक परिवार के विरोध में उठने वाले हर स्वर को दबाने के लिए कांग्रेस ने नागरिकों के सभी मौलिक अधिकार छीनकर देश की लोकतांत्रिक जड़ों पर कुठाराघात किया।
कांग्रेस के प्रजातंत्र विरोधी चरित्र और आपातकाल जैसे काले अध्याय को देश कभी नहीं भूलेगा।
कांग्रेस के परिवारवाद और तानाशाही का पुरज़ोर विरोध कर लोकतांत्रिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करने के लिए कई लोगों ने एवं नेताओ बलिदान दिए बलिदान।
बताया जाता है कि उस समय पर सरकार का आलम यह हुआ करता था कि वह हर उसे व्यक्ति को सलाखों के पीछे धकेल देते थे ,जो सरकार के विरोध में बात करता एवं बयान जारी करता था।
आज ही के दिवस भारतीय जनता पार्टी संगठन के नेताओं ने निर्णय लिया है कि जगह जगह लोगों को आपातकाल के बारे में बताया जाएगा की किस प्रकार कांग्रेस पार्टी ने निर्दोष लोगों को सलाखों के पीछे धकेल दिया था एवं अत्याचार किए थे।