नौशाद हो गए दुबे यूपी जौनपुर में मुस्लिम लगा रहे हैं ब्राह्मण सरनेम…!
(न्यूज़ ढाबा)–भारत के मुस्लिम अब पहले की अपेक्षा अधिक जागरूक नजर आ रहे हैं और वे अपनी जड़ें अरब-तुर्की या अफगानिस्तान-ईरान में खोजने के बजाय भारत में खोज रहे हैं और इस पर गर्व भी कर रहे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के कुंदरकी उपचुनाव में इसकी झलक भी मिली। यहाँ के हिंदू और भारतीय जड़ों वाले लोगों ने भाजपा के ठाकुर रामवीर सिंह को मत देकर चुनाव जीताया, जबकि इस पर अब तक प्रभावी रहे तुर्क मुस्लिमों को हरा दिया।
ये भारत में बदले माहौल का उदाहरण भर है। ऐसे सैकड़ों उदाहरण हैं, इस देश में जहाँ हिंदू से मुस्लिम बने लोग अपनी जड़ों से आज भी जुड़े हुए हैं। पहले क्षत्रिय समाज के मुस्लिम लोग खुलकर अपने नाम में राणा, चौहान, तोमर आदि लगाते रहे हैं। अब ब्राह्मण समाज के धर्मांतरित मुस्लिम भी इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। वे भी अपने पूर्वजों के उपनाम और गोत्र को अपने नाम में जोड़ रहे हैं। इसका उदाहरण यूपी का डेहरी गाँव है।
जौनपुर शहर से करीब 30 से 35 किलोमीटर की दूरी पर केराकत तहसील में एक छोटा सा गाँव है डेहरी। डेहरी गाँव के लोग अपने नाम में मिश्रा, दुबे, शुक्ला जैसे अपने पुरखों के उपनाम जोड़ रहे हैं। यहाँ के रहने वाले 60 साल के नौशाद अहमद ने अपने घर की शादी के कार्ड पर नौशाद अहमद दुबे लिखा तो लोग चौंक गए। इसके बाद यह गाँव सुर्खियों में आ गया। मीडिया उन तक पहुँच गई।
नौशाद अहमद का कहना है कि उनके पूर्वज हिंदू थे, इसलिए अब वे अपने नाम के साथ अपने पूर्वजों के उपनाम और गोत्र लिख रहे हैं। नौशाद अहमद दुबे ने बताया कि लगभग सात पीढ़ी पहले उनके पूर्वजों में से एक लाल बहादुर दुबे मुस्लिम बन गए थे। वो अपना नाम लाल मोहम्मद शेख लिखने लगे थे। उनका कहना है कि उनके पूर्वज आजमगढ़ के रानी की सराय से आए थे।