अर्वाचीन इंडिया स्कूल में फेशन शो का हुआ आयोजन
विद्यार्थियों ने बताया सूती वस्त्रों का महत्व
प्रिंस रहे प्रियांश हिवराले, प्रिंसेस का खिताब नेन्सी खटवानी ने जीता
बुरहानपुर(न्यूज ढाबा)–निमाड़ के सुप्रसिद्ध विद्यालय अर्वाचीन इंडिया स्कूल में अर्वाचीन साम हाऊस द्वारा आधार फेशन फेस्ट का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों ने भिन्न–भिन्न वेशभूषा धारण कर उनके महत्सव को समझाया। इस मौके पर संस्था संचालक अमित मिश्रा, राखी मिश्रा, ऐकडमिक हेड दिप्ती पोढियन, प्रशासनिक अधिकारी विशाल गोजरे एवं आधार इंजार्च आरती पाटील ने विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए अर्वाचीन साम हाऊस की इंचार्ज हर्षिदा येऊलकर ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों को भारतीय वस्त्र तथा उनके महत्व को समझाना था। परिसर में 15 दिन ‘भारतीयों की शान , भारतीय परिधान’विषय पर जागरूकता कराई गई। इसी तारतम्य अर्वाचीन स्कूल में बुलेटीन बोर्ड, असेंबली एक्टिविटी भी इस थीम के अनुसार विद्यार्थियों से करवाई गई। साम हाऊस इंजार्च ने बताया कि भारतीय वस्त्र स्वास्थ्य के अनुकूल होते है और आध्यात्मिक दृष्टि से भी भारतीय वस्त्रों का एक अलग ही महत्व है।
विदेशियों के भारत में आने के बाद हमने पाश्चात्य संस्कृति की वेशभूषा अपना ली जबकि इस प्रकार के परिधान पश्चिम के ठंडे मौसम के अनुसार सही है तथा यह ठंडे मुल्कों की आवश्यकता है। परंतु हमारा देश तो गर्म है, यहां तो ढिली और वातानुकुलित वेशभूषा होनी चाहिए। इसलिए यहां सूती वस्त्र जो की शरीर के अनुसार अनुकुल हो वह पहनना चाहिए। आयुर्वेद और चिकित्सकों के अनुसार यह वस्त्र भारतीय मौसम और वातावरण के अनुसार सहज है और यह भी माना जाता है की धोती कुर्ता एवं साढी पहनने से स्वास्थ्य के सातों चक्र संतुलित रहते है। यह वस्त्र भारतीय संस्कृति की पहचान भी है।
आधार फेशन फिस्ट स्टाईल फॉर स्माईल में इस हेतु एक फेशन शो का अयोजन किया गया जो कि 3 राऊड में सम्पन्न हुआ। जिसमें पहला राउण्ड ट्रेडिशनल, दूसरा राउण्ड प्रोफेशनल व तीसरा वेस्टर्न राउण्ड हुआ। जिसमें कक्षा चौथी के विद्यार्थियों द्वारा रैंप वॉक कर उक्त वस्त्रों का महत्व व उनकी उपयोगिता समझाई गई। इसमें विद्यार्थियों ने रंग–बिरंगे धोती कुर्ते व गमच्छे पहनकर रैंप वॉक की। सभी विद्यार्थी रंग–बिरंगे कपडों में बहुत सुंदर व आकर्षक लग रहे थे।
इसी के साथ ही साम हाऊस द्वारा अयोध्या कार सेवकों के संघर्ष को बताने के लिए कक्षा छठवीं से आठवीं तक के विद्यार्थियों ने ‘राम काज किए बिनु मोहे कहा विश्राम’ नामक नाटक पर प्रस्तुती दी एवं धार्मिक फिल्मी गानों पर नन्हे बालकों ने नृत्य प्रस्तुती से सभी का मन मोह लिया।
इस अवसर पर साम हाऊस ने सभी महिला शिक्षकाआं को भारतीय वस्त्र को बढ़ावा देते हुए महेश्वरी साढ़ी का वितरण भी किया। यह साढ़ी हस्त निर्मित होती है, इसे देना का उद्देश्य विद्यार्थियों को यह जागरूकता देते हुए संदेश देना था कि एक हाथ से बनी सामग्री लेने से हम एक परिवार को रोजी देते है। आधार फेशन शो में आधार प्रिंस का खिताब कक्षा पांचवी के प्रियांश हिवराले ने जीता। वहीं आधार प्रिंसेस कक्षा पांचवीं की नेन्सी खटवानी रही। कार्यक्रम के अंत में 20 विभिन्न टाईटल के माध्यम से विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। उक्त जानकारी संस्था के मीडिया प्रभारी गौरव चौहान ने दी।
अर्वाचीन इंडिया स्कूल में फेशन शो का हुआ आयोजन
विद्यार्थियों ने बताया सूती वस्त्रों का महत्व
प्रिंस रहे प्रियांश हिवराले, प्रिंसेस का खिताब नेन्सी खटवानी ने जीता
बुरहानपुर(न्यूज ढाबा)–निमाड़ के सुप्रसिद्ध विद्यालय अर्वाचीन इंडिया स्कूल में अर्वाचीन साम हाऊस द्वारा आधार फेशन फेस्ट का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों ने भिन्न–भिन्न वेशभूषा धारण कर उनके महत्सव को समझाया। इस मौके पर संस्था संचालक अमित मिश्रा, राखी मिश्रा, ऐकडमिक हेड दिप्ती पोढियन, प्रशासनिक अधिकारी विशाल गोजरे एवं आधार इंजार्च आरती पाटील ने विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए अर्वाचीन साम हाऊस की इंचार्ज हर्षिदा येऊलकर ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों को भारतीय वस्त्र तथा उनके महत्व को समझाना था। परिसर में 15 दिन ‘भारतीयों की शान , भारतीय परिधान’विषय पर जागरूकता कराई गई। इसी तारतम्य अर्वाचीन स्कूल में बुलेटीन बोर्ड, असेंबली एक्टिविटी भी इस थीम के अनुसार विद्यार्थियों से करवाई गई। साम हाऊस इंजार्च ने बताया कि भारतीय वस्त्र स्वास्थ्य के अनुकूल होते है और आध्यात्मिक दृष्टि से भी भारतीय वस्त्रों का एक अलग ही महत्व है।
विदेशियों के भारत में आने के बाद हमने पाश्चात्य संस्कृति की वेशभूषा अपना ली जबकि इस प्रकार के परिधान पश्चिम के ठंडे मौसम के अनुसार सही है तथा यह ठंडे मुल्कों की आवश्यकता है। परंतु हमारा देश तो गर्म है, यहां तो ढिली और वातानुकुलित वेशभूषा होनी चाहिए। इसलिए यहां सूती वस्त्र जो की शरीर के अनुसार अनुकुल हो वह पहनना चाहिए। आयुर्वेद और चिकित्सकों के अनुसार यह वस्त्र भारतीय मौसम और वातावरण के अनुसार सहज है और यह भी माना जाता है की धोती कुर्ता एवं साढी पहनने से स्वास्थ्य के सातों चक्र संतुलित रहते है। यह वस्त्र भारतीय संस्कृति की पहचान भी है।
आधार फेशन फिस्ट स्टाईल फॉर स्माईल में इस हेतु एक फेशन शो का अयोजन किया गया जो कि 3 राऊड में सम्पन्न हुआ। जिसमें पहला राउण्ड ट्रेडिशनल, दूसरा राउण्ड प्रोफेशनल व तीसरा वेस्टर्न राउण्ड हुआ। जिसमें कक्षा चौथी के विद्यार्थियों द्वारा रैंप वॉक कर उक्त वस्त्रों का महत्व व उनकी उपयोगिता समझाई गई। इसमें विद्यार्थियों ने रंग–बिरंगे धोती कुर्ते व गमच्छे पहनकर रैंप वॉक की। सभी विद्यार्थी रंग–बिरंगे कपडों में बहुत सुंदर व आकर्षक लग रहे थे।
इसी के साथ ही साम हाऊस द्वारा अयोध्या कार सेवकों के संघर्ष को बताने के लिए कक्षा छठवीं से आठवीं तक के विद्यार्थियों ने ‘राम काज किए बिनु मोहे कहा विश्राम’ नामक नाटक पर प्रस्तुती दी एवं धार्मिक फिल्मी गानों पर नन्हे बालकों ने नृत्य प्रस्तुती से सभी का मन मोह लिया।
इस अवसर पर साम हाऊस ने सभी महिला शिक्षकाआं को भारतीय वस्त्र को बढ़ावा देते हुए महेश्वरी साढ़ी का वितरण भी किया। यह साढ़ी हस्त निर्मित होती है, इसे देना का उद्देश्य विद्यार्थियों को यह जागरूकता देते हुए संदेश देना था कि एक हाथ से बनी सामग्री लेने से हम एक परिवार को रोजी देते है। आधार फेशन शो में आधार प्रिंस का खिताब कक्षा पांचवी के प्रियांश हिवराले ने जीता। वहीं आधार प्रिंसेस कक्षा पांचवीं की नेन्सी खटवानी रही। कार्यक्रम के अंत में 20 विभिन्न टाईटल के माध्यम से विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। उक्त जानकारी संस्था के मीडिया प्रभारी गौरव चौहान ने दी।