बुरहानपुर (न्यूज ढाबा)– सोमवार टाटा मैजिक ,ऑटो, ट्रक चालकों द्वारा “हिट एंड रन” कानून के खिलाफ में धरना प्रदर्शन किया गया!
पुष्पक बस स्टैंड पर सभी चालकों द्वारा अपने-अपने वाहन खड़े कर दिए गए एवं कलेक्टर कार्यालय जाकर ज्ञापन सोपा गया, एवं मांग की गई कि तुरंत हिट एंड रन कानून को वापस लिया जाए अन्यथा पूरे भारतवर्ष में सामूहिक रूप से चक्का जाम एवं विरोध प्रदर्शन किया जावेगा!
🔅 जानिए क्या है नया हिट एंड रन कानून,
जिसका ट्रक और बस ड्राइवर कर रहे हैं विरोध ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि, कोई भी जानबूझकर दुर्घटना नहीं करता है और ड्राइवरों को डर है कि अगर वे घायलों को अस्पताल ले जाने की कोशिश करेंगे तो भीड़ उनकी पिटाई कर देगी इसलिए वे इस “काले कानून” को रद्द करने की मांग कर रहें
ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि, कोई भी जानबूझकर दुर्घटना नहीं करता है और ड्राइवरों को डर है कि अगर वे घायलों को अस्पताल ले जाने की कोशिश करेंगे तो भीड़ उनकी पिटाई कर देगी इसलिए वे इस “काले कानून” को रद्द करने की मांग कर
औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों में बदलाव की वजह से हिट एंड रन मामलों में सजा बढ़ गई है, जिससे देश भर में ट्रक ड्राइवरों और बस ऑपरेटरों का विरोध शुरू हो गया है. नए कानून के तहत फरार और घातक दुर्घटना की सूचना न देने पर ड्राइवरों को 10 साल तक की जेल हो सकती है. इससे पहले,आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत आरोपी को केवल दो साल तक की जेल हो सकती थी.
(गौरतलब है नए कानून के खिलाफ हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और पश्चिम बंगाल समेत कई प्रदेशों में प्राइवेट बस ऑपरेटर आज हड़ताल पर चले गए हैं तो वहीं ऑटो चलाने वालों ने भी नए कानून के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ट्रक ड्राइवरों का आरोप है कि नया कानून ड्राइवरों को उनकी ड्यूटी से हतोत्साहित करेगा और नए लोगों को नौकरी लेने से भी रोकेगा.)
ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि, कोई भी जानबूझकर दुर्घटना नहीं करता है और ड्राइवरों को डर है कि अगर वे घायलों को अस्पताल ले जाने की कोशिश करेंगे तो भीड़ उनकी पिटाई कर देगी, इसलिए वे इस “काले कानून” को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
ट्रक और बस चालकों ने यह भी आशंका जताई कि अगर कोहरे के कारण कोई दुर्घटना होती है, तो चालक को बिना किसी गलती के 10 साल की सजा होगी. ड्राइवरों को दुर्घटनाओं के बाद स्थानीय लोगों द्वारा परेशान किए जाने का डर रहता है और इसलिए, वे अधिकारियों को इसकी सूचना दिए बिना ऐसी स्थितियों से भागने की कोशिश करते हैं.
बुरहानपुर जिले के कुछ किसानों से बात करने पर उन्होंने बताया कि हमारे फैसले जैसे की अकेली काटने पर है परंतु अगर वाहनों की हड़ताल जारी रही तो ऐसी अवस्था में हमें भारी नुकसान होने की संभावना है सरकार को कुछ ना कुछ वैकल्पिक व्यवस्था इस संबंध में करनी चाहिए।